Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2009

रुक जायेगी ज़िन्दगी

रुक जायेगी ज़िन्दगी उस दिन, संतुष्ट हो गया मैं अपने से और अपने आप से जिस दिन. क्षुब्ध हूँ निराश हूँ तो जीवित मेरी प्यास है भूखों-नंगो के दुखों से आहत हूँ तो कुछ कर गुजरने की आस है प्रश्न आते रहेंगे, उत्तर खोजता रहूँगा सारे उत्तर मिल गए जिस दिन नए प्रश्न सोचूंगा उस दिन। २१ सितम्बर २००९ © अमित Amit