आजमा चुके हैं हम उनको,
जो कहते थे 'तुम्हारे हैं सदा के लिए!'
बहुत कुछ देख चुके हैं हम,
नही बचा कुछ वफ़ा के लिए....
पैरों के काटें चुभते रहे हैं,
अब गैर याद नही आते दवा के लिए...
उस दुनिया को भी आजमा लेना अमित
जो पुकारती है शाबा के लिए.
जाने से पहले सबको आजमा लेना
रह न जाए ये टीस सदा के लिए!
- अमित, २० अक्टूबर २००७
© अमित Amit
जो कहते थे 'तुम्हारे हैं सदा के लिए!'
बहुत कुछ देख चुके हैं हम,
नही बचा कुछ वफ़ा के लिए....
पैरों के काटें चुभते रहे हैं,
अब गैर याद नही आते दवा के लिए...
उस दुनिया को भी आजमा लेना अमित
जो पुकारती है शाबा के लिए.
जाने से पहले सबको आजमा लेना
रह न जाए ये टीस सदा के लिए!
- अमित, २० अक्टूबर २००७
© अमित Amit
Comments
Ur shayari was really interesting..
Looks like u have gone thru a lot of pain :P