तुम्हे आना है तो आ जाना, वरना सूने दिन और उदास राते हैं, चिंता कल की है, और भी मनहूस बातें हैं. जहर है इन हवाओं में, लोगों में भी जज्बा कम है. यूँ तो सब कुछ है सबके पास, हर दिल में एक ही गम है. ना आओगे तो भी रातें कट जाएगी मेरा जलना ही कहाँ कम है. या फिर चलो तुम अपनी राह तुम्हारे पास और भी बातें हैं हम तो ऐसे ही दीवाने हैं अपनी तो ऐसे दिन और ऐसी ही रातें हैं. © अमित Amit २३ जून २०१०
...Coming across different shades of life, compels to think in more colours... dream in many worlds! So, my posts reflect that departure n variation! एक विद्रोही की यात्रा...