It is an easy guess! Kattar Imandar is doing everything to kill the Indian democracy. Ironically, no one is writing about it. People who are so worried about democracy and parliament, never talk about the way democracy is undermined in the Delhi assembly. Unlike the national parliament or other state assemblies, different sessions are not organised here. Because, it has to start with the speech of the Lt Governor. And Kejriwal won't like that. So, Delhi's legislative assembly is always at disposal of Kejriwal, whenever he wants to do his nonsense, the session is always on! He would go and do nonsense. I wonder why Delhi BJP guys never highlight this murder and mockery of democracy! What is stopping them to do so? Since, media has power to set the narrative, he heavily pay them. Kejriwal has found the ultimate recipe of political success: Promise to give everything free, when failed, blame others. Give huge money to media houses so that they can't report the failure
तमिलनाडु में एक पेरियार नाम का व्यक्ति हुआ। उसे हिन्दुओं में "अनुसूचित जातियों" के अलावा सभी हिन्दुओं से घृणा थी। वह पिछड़ी जाति के लोगों का बहिष्कार करने की बात करता था। ब्राह्मणों का तो समूल नरसंहार करने के लिए लोगों को भड़कता रहता था। इतना ही नहीं, उसे उत्तर भारत के लोगों से अत्यधिक घृणा थी। इसीलिए उसके बहकावे में आए लोग जब हिन्दू धर्म छोड़ते थे तो बौद्ध नहीं, बल्कि मुस्लिम बनते थे। चूंकि महात्मा बुद्ध उत्तर भारत से थे, इसलिए उसे बुद्ध से भी घृणा थी। उसकी मानसिक विकृति इतनी थी कि ७२ साल की उम्र में उसने अपने २८ साल की दत्तक पुत्री से कोर्ट में शादी की। इसके लिए उसने अपने ही बनाए नियमों (जो उसने arranged marriage के लिए बनाए थे) को तोड़ा। और जब थोड़ी समझ वाले चेलों ने विरोध किया तो यह बहाना बताया कि सम्पत्ति दत्तक पुत्री को नहीं जा सकती थी इस लिए उसे पत्नी बना लिया। अपने ही समाज और देश से घृणा फैला कर उसने मिशनरियों और जिहादियों के लिए तमिलनाडु को उपजाऊ जमीन बना दिया। उसी का दुष्परिणाम है कि तमिलनाडु के अधिकतर लोगों में हिन्दी के प्रति घृणा का बोध रहता है। डीएमके और एआईएडी