तुम्हे आना है तो आ जाना,
वरना सूने दिन और उदास राते हैं,
चिंता कल की है,
और भी मनहूस बातें हैं.
जहर है इन हवाओं में,
लोगों में भी जज्बा कम है.
यूँ तो सब कुछ है सबके पास,
हर दिल में एक ही गम है.
ना आओगे तो भी रातें कट जाएगी
मेरा जलना ही कहाँ कम है.
या फिर चलो तुम अपनी राह
तुम्हारे पास और भी बातें हैं
हम तो ऐसे ही दीवाने हैं
अपनी तो ऐसे दिन और ऐसी ही रातें हैं.
© अमित Amit
२३ जून २०१०
वरना सूने दिन और उदास राते हैं,
चिंता कल की है,
और भी मनहूस बातें हैं.
जहर है इन हवाओं में,
लोगों में भी जज्बा कम है.
यूँ तो सब कुछ है सबके पास,
हर दिल में एक ही गम है.
ना आओगे तो भी रातें कट जाएगी
मेरा जलना ही कहाँ कम है.
या फिर चलो तुम अपनी राह
तुम्हारे पास और भी बातें हैं
हम तो ऐसे ही दीवाने हैं
अपनी तो ऐसे दिन और ऐसी ही रातें हैं.
© अमित Amit
२३ जून २०१०
Comments
फिर सोच कर रुक जाते हैं कहाँ मिलेगी यह बर्बादी
कहने दो सबको ,सबके पास वक्त कम हैं
और किस के पास जुबान तो किसी के पास दर्द कम हैं
राहें बहुत हैं और आरज़ू भी नम नहीं
इस ज़िन्दगी में बस एक हमराज़ कहीं गुम हैं
लोगों में भी जज्बा कम है.
यूँ तो सब कुछ है सबके पास,
हर दिल में एक ही गम है.
ना आओगे तो भी रातें कट जाएगी
मेरा जलना ही कहाँ कम है.
बहुत ही उम्दा भाई जी ....!!
कुछ समझ नहीं आता है
जिंदगी की कड़ी धूप
कोई साया नहीं पाता है