बहुत सुंदर था तुम्हारा साथ,
दिल को बड़ा शुकून था और हाथों में थे हाथ.
सपने जो अपने थे कि चलेंगे साथ साथ.
और जब, तुम नहीं हो आज
सब कुछ वैसा ही है तुम्हारे बाद.
खुश हूँ की उम्मीदों को आराम है अब,
और तन्हाई ने पता बताया है अब.
चलना तो है ही राह- ए- जिंदगी पे
हमसफ़र कोई भी हो,
मंजिल तो एक ही है अब.
चैन से जीने की चाह हमे नहीं थी,
चैन से तो सोना ही है मौत के बाद.
चले तो अकेले ही थे,
फिर से हो गया है तन्हाईओं का साथ.
तुम हो या ये दुनिया है,
पता चला है तुम्हारे जाने के बाद.
सपने अब हकीकत के आने लागे हैं,
दुनिया मिल गयी है तुम्हारे जाने के बाद.
पूछो हमे या ना पूछो, याद भी चाहे मत करना,
हम खुश थे तुम्हारे साथ, लेकिन मुस्कुराये तुम्हारे बाद
तुम्हे मुबारक हो सुख चैन की जिंदगी
और जिंदगी का जोड़ तोड़,
हम चलेंगे ऐसे ही दीवानगी के साथ
फिकर ना करना हमारी, खुश हैं तुम्हारे बाद.
अमित श्रीवास्तव, १७ मई २००९
© अमित Amit
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